Ghost Story in Hindi For Child – रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची घटना

Ghost Story in Hindi For Child

हेलो मेरा नाम पूजा है और में अपने परिवार के साथ Delhi में रहती हूँ. कुछ साल पहले मेरे साथ ऐसी घटना घटी जिसको में आज भी याद करके सहम जाती हूँ.

यह कहानी आज से लगभग 11–12 साल पहले की है उस समय हमारी Financial Condition अच्छी नहीं थी खाने पिने का इन्तजाम तो इंसान जैसे तैसे कर लेता है.

लेकिन किराया देना बहुत ही मुश्किल होता है, ये बात वही लोग जानते हैं जो किराये के मकान में रहतें हों या रह चुके हों, रास्ते में आते जाते माँ से जब भी कोई खेर-खबर पूछता तो माँ यही कहती की क्या ठीक है, अब तो उनकी नोकरी भी चली गई.

किराया कहाँ से देंगे यही समझ नहीं आ रहा .एक दिन माँ की बहुत पुरानी सहेली माँ को रास्ते में मिलीं उन्होंने भी जब माँ से हाल चाल पूंछा, तो उनसे भी माँ ने वही बात दोहराई सहेली ने कहा तुम चिंता मत करो, मेरे भाई का एक घर है, जो काफी सालों से बंद है तुम अगर चाहो तो, अपने परिवार के साथ वहाँ रह सकती हो.

और तुम्हे किराया भी नहीं देना पड़ेगा, बस साफ़-सफाई अच्छे से किया करना इतना कहके वो आंटी वहाँ से चली गईं.

माँ ने ये बात घर आकर सभी को बताई हमारी तो खुशी का ठिकाना नही रहा,जरा सोचिये आप किसी प्रॉब्लम में फंसे हैं और एकदम से ऐसा कोई आपको मिले जो आपकी उस प्रॉब्लम को जड़ से उखाड़ फेंके, उन आंटी ने भी यही किया था हमारी प्रॉब्लम को एक मिनट में ही Solve कर दिया था.

दुसरे दिन माँ की सहेली चाबियाँ लेकर आयीं और कहा तुम लोग आज ही शिफ्ट कर लो फिर में और माँ उस घर की साफ़ सफाई करके आये, और उसी दिन हमने शिफ्ट कर दिया, सब नए घर में पहुच कर  बहुत खुश थे, और सोच रहे थे की अब तो आराम से रहेंगे.

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उस मकान में 2 फ्लोर थे ग्राउंड फ्लोर पे 2 कमरे थे और 1st फ्लोर पर भी २ ही कमरे थे, कुछ दिन बीते एक दिन एक बूढी दादी हमारे घर आईं और बोली लगता है, आप लोग इस मकान में नए आये हैं.

”पापा ने कहा हाँ” फिर बूढी दादी बोली आ तो गए हो लेकिन क्या आपको पता है की ये घर काफी सालों से बंद था.

हाँ हमें पता है तो उसमे क्या हुआ पापा ने कहा, तो बूढी दादी ने कहा फिर तो आपको ये भी पता होगा, की ज्यादा दिन तक बंद रहे मकानों में भूत-प्रेतों का वास हो जाता है.

”पापा ने कहा ऐसा कुछ नहीं होता आप हमें डराने आयीं हैं क्या” अगर नहीं होता तो कोई बात नहीं जब देखोगे महसूस करोगे तब पता चलेगा इतना कहकर  बूढी दादी  वहां से चली गई.

जैसा की मेने पहले बताया की उस घर में एक बंद कमरा भी था, मुझे उस बंद कमरे को देखकर बहुत अजीब  महसूस होता था, उस बंद कमरे को देखकर मेरा मन हमेसा यही सोचता की इसको खोल के देखती हूँ.

कुछ दिन बाद मकान मालिक आया और उसने कहा इस कमरे को कभी मत खोलना उसमे हमारा कुछ जरुरी सामान है, हमने कहा ठीक है कुछ दिन तो आराम से हँसते-खेलते बीत गये.

लेकिन धीरे-धीरे अजीब चीजें होने लगीं जैसे- अचानक से कोई चीज गायब हो जाती और उसी कमरे  के बाहर पड़ी मिलती तो कभी हमारा डॉग जिसका नाम प्लूटो था.

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वो रोज रात को अचानक उठकर बुरी तरह से रोने लग जाता जिसकी वजह से सभी की नींद ख़राब हो जाती कभी कभी छोटा भाई उसे रात में उठके मारता की रोज-रोज क्यूँ रोता है तू हमारी नींद ख़राब करता है.

अब तक इन सभी बातों को घर में  Normal समझ रहे थे, फिर एक रात की बात है में और मेरी दादी ग्राउंड फ्लोर पर जो कमरा बंद रहता था उसके बगल वाले कमरे में सोये हुए थे,और माँ दोनों भाई पापा 1st फ्लोर वाले कमरों में सोये थे,

गाँव में अक्सर रात के समय बिजली चली जाती थी,उस समय भी बिजली नही थी मेने लैंप को बंद किया और आंखे बंद करके लेट गई पता नहीं कब-कब में मुझे गहरी नींद आ गई, मेरी आँखे रात के करीब 1.35 बजे किसी आवाज के कानों में पड़ने से खुली मैंने देखा दादी गहरी नींद में सोई हैं,कमरे में चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा है.

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बाहर वाइपर जो वाशरूम की दीवाल से सटा हुआ रक्खा था जोर-जोर से दीवार में लग रहा था उसके दीवार में लगने से पट-पट की तेज आवाजें आ रही थी,और सामने खूंटी पे टंगा हुआ शीशा भी वाइपर की ही तरह बार बार दीवार में लग रहा था.

हेरत की बात तो ये थी की उस समय हवा नाम मात्र के लिए भी नहीं चल रही थी, उन आवाजों को  सुनकर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे सीने पे कोई बहुत ज्यादा बोझ की चीज रखी हो उस बोझ की वजह से मुझे ऐसा लग रहा था, मानो अभी मुझे दिल का दोरा पड़ने वाला हो,

अभी शीशा और वाइपर की आवाजें बंद नहीं हुईं थीं, की कमरे के दरवाजे पे किसी के पंजों से खुरचने की डरावनी आवाज जैसे कोई लोहे के नुकीले पंजों से दरवाजे को अभी थोड़ी ही देर में उखाड़ लेगा,उन पंजों की आवाज को सुनकर मेरा क्या हाल हुआ आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

फिर मैंने हिम्मत करके दादी को जगाया और बाहर होने वाली आवाजों के बारे में बतायादादी थोड़ा ऊँचा सुनती थीं तो उनको समझने में थोड़ी देर लगी की आखिर हो क्या रहा है?  में इतनी डरी हुई क्यूँ हूँ? जेसे मैंने बाहर होने वाली आवाजों के बारे में दादी कोबताया दादी ने कहा माँ पापा को आवाज लगाओ जैसा दादी ने कहा मैंने वैसा ही किया.

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उपर सब गहरी नींद में सोये थे इसलिए मेरे बहुत सारी आवाजें लगाने के बाद मेरी आवाज सबने सुनी और सब निचे की ओर दौड़ पड़े.इतने में बिजली आ चुकी थी और वो आवाजें भी बंद हो चुकीं थी,पापा ने पूछा क्या हुआ

‘मैंने गुस्से में कहा”

आप तो बिलकुल ही भूल गए की आपकी एक औलाद निचे भी सोई है सब चुप रहे ,

”मैंने फिर गुस्से में कहा”

मैंने कितनी आवाजें लगाईं मेरी जान चली जाती तब अच्छा होता क्या आपके लिए? फिर माँ ने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझे सीने से लगा लिया और पूछने लगीं क्या हुआ? फिर मैंने सारा कुछ जो अभी थोड़ी देर पहले मेरे साथ घटा सब कह सुनाया,

माँ और पापा ने कहातुमने कोई डरावना बुरा सपना देखा होगा जिसे देखकर तुम बहुत ज्यादा डर गई हो,कहके सब उपर सोने चले गए, में भी अपने आपको यह समझा कर की सायद बुरा सपना ही था सो गई.

अभी में पूरी तरह से सोई भी नहीं थी की फिर से वही दरवाजे को उखाड़ लेने वाली दहशत से भरी लोहे के पंजों जैसी, आवाज फिर से होने लगी, अबकी बार तो उपर भी सभी जाग रहे थे सोये नहीं थे और उन आवाजों को अबकी बार सभी  सुन रहे थे.

वो सब अबकी बार मेरे आवाज लगाने से पहले ही निचे आ गए , और कहा -हम सब तो तुमने बुरा सपना देखा समझ रहे थे, लेकिन इस घर में कुछ तो जरुर है.

मुझसे कहा अब तुम हमारे साथ उपर आके सो जाओ और सुबह होते ही हमने उस घर को खाली कर दिया, लोग बताते हैं की उस घर में अब कोई नहीं रहता रात में उस घर से अजीब-अजीब आवाजें आतीं हैं.

तो ये थी मेरे साथ घटी घटना की सच्ची कहानी कुछ लोग ऐसी चीजों को मानते नहीं हैं, पहले में भी नहीं मानती थी लेकिन उस दिन के हादसे ने मुझे भूत प्रेत जैसी चीजो को मानने पर मजबूर कर दिया.

और ये मान लिया की इस दुनियां में अगर भगवान हैं तो शेतान भी है लेकिन में एक बात जरुर कहूँगी की हमेशा भगवान में विश्वाश रखो तो ये चीजें आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं.

ये Ghost Story in Hindi For Child आपको कैसी लगी बताना ना भूलें.

 

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