{ Bhot Story } क्या भूत सचमुच में होते हैं

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 भूत शब्द जब भी कभी हम सुनते हैं तो एक गहरी सोच में चले जाते हैं की भूत होते हैं या नहीं? कुछ लोग भूतों को मानते हैं और कुछ नहीं, कुछ सोचतें हैं की अगर भूत होते हैं तो दिखाई क्यूँ नहीं देते.

वहीँ कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने भूतों के दिखाई ना देते हुए भी भूतों को महसूस किया है, ना मानने वालों को में ये बताना चाहूंगा की हवा दिखती नहीं है फिर भी हवा होती है, हमारा शरीर हवा को महसूस करता है.

ऐसे ही भूत होते हैं, होते तो हैं लेकिन दिखाई नहीं देते, कुछ घटनाये में आपके साथ साझा करना चाहूंगा जो 101% सच हैं अलीगढ जिले के रहने वाले कुंदन सिंह जी, जो भूत-प्रेत ग्रसित रोगियों का इलाज करते हैं उनसे मेरी बात हुई!

उन्होंने बताया वेसे तो भूत-प्रेत से जुडी समस्याएं मेरे पास जटिल ही आती हैं, लेकिन 2 केस मेरे पास ऐसे आये थे जिनको में कभी नहीं भूल सकता.

 

 { Bhot Story } पहली स्टोरी -स्कूल में खाना ना पहुंचना

पहला केस था एक छोटे बच्चे का जिसकी उम्र लगभग 5 से 6 साल रही होगी, उस बच्चे के दादा दादी एक दिन मेरे पास आये और बोले की कुंदन जी, हमने आपका बहुत नाम सुना है, कृपया करके हमारी मदद करें हम बहुत परेशान हैं, आपके पास बहुत उम्मीद लेकर आये हैं.

मैंने कहा जी अपनी समस्या बताइए में आपकी पूरी सहायता करूंगा, फिर बच्चे की दादी ने बोलना शुरू किया की हमारे साथ, पिछले 2 महीने से अजीब बात हो रही है हमारा पोता जो कक्षा 2 का विद्यार्थी है, 2 महीने से उसका टिफिन उसके पास खाली पहुँच रहा है.

पहले तो उसका टिफ़िन हमारा ड्राईवर लेकर जाता था, तो हमने सोचा कहीं यही तो सारा खाना चट नहीं कर जाता, और उस ड्राईवर को हमने बुरा भला सुनाकर नौकरी से निकाल दिया.

फिर मेरा छोटा बेटा गौरव खाना ले जाने लगा लेकिन फिर भी वही हाल, हम लोग उसको टिफिन में खाना भर कर देते लेकिन स्कूल में जब पोता टिफिन को खोलता तो देखता टिफिन खाली है.

अब हम अपने बेटे गौरव से कहने लगे की टिफिन का खाना कहीं तुम ही तो नहीं खा जाते, ये रोज आकर यही कहता है की दादी आज भी आप टिफिन में खाना डालना भूल गईं थीं, तब गौरव गुस्से से कहने लगा की माँ में ऐसा क्यूँ करूंगा.

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क्या मुझे घर पर खाना नहीं मिलता जो में ऐसा करूँगा, अब हम सब लोग सोचने लगे की अगर खाने को गौरव नहीं खाता, तो इसका मतलब है की ड्राईवर भी नहीं खाता होगा, हमने वेवजह ही उसे काम से निकाल दिया.

जब से अब तक यही होता आ रहा है हमे कोई ऐसा नहीं मिला, जो हमारी इस  समस्या को हल कर सके, कल शाम ही किसी ने आपके बारे में बताया इसलिए हम आपके पास आये हैं.

मेरा तो रोज ही ऐसी चीजों से पाला पड़ता रहता है, तो मुझे समझने में देर नहीं लगी की आखिर ये काम है किसका, मैंने लड़के की दादी से कहा आप चिंता ना करें भगवान पर विश्वाश रखें.

आपके पोते के पास एक दो दिन में खाना पहुचने लगेगा, और बिलकुल वैसा ही हुआ तीसरे दिन से स्कूल में खाना पहुचने लगा.

 

{ Bhot Story } दूसरी स्टोरी – शादी बिना श्रृंगार 

दुसरा केस एक 17 साल की लड़की का था जिसका नाम ज्योति था, जिससे बात करने पर मुझे पता चला की आखिर उसके साथ ऐसा क्यूँ हो रहा है,

उसने बताया की एक दिन जब वो अपने कॉलेज से लौट रही थी तो स्कूल से थोड़ी दुरी पर शमशान थे,

जेसे ही वो शमशान के पास से गुजरी उसे अपने कंधें पर कुछ भारिपन महसूस हुआ पर उसने कुछ ध्यान नहीं दिया सोचा सायद थकान हो गई है इसलिए ऐसा महसूस हो रहा है.

वह घर आकर सो गई जेसे ही उसे गहरी नींद आई उसे सपना दिखाई दिया की उसकी किसी के साथ शादी हो रही है वह बहुत मना कर रही है,

लेकिन उसकी कोई बात नहीं सुन रहा जब सपने में उसकी बात कोई नहीं सुन रहा था तब उसने उस लड़के से बात करने का फैसला किया जिससे उसकी शादी हो रही थी.

वो लड़का एक कमरे में था जहाँ बहुत अँधेरा था और वो कमरे में दरवाजे की तरफ पीठ करके खड़ा था.

 

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ज्योति कमरे में पहुचीं और उस लड़के से कहने लगी अभी तो मेरी शादी की उम्र भी नहीं है और फिर भी ये लोग मेरी शादी जबरदस्ती कर रहे हैं,

प्लीज आप इस शादी से मना कर दीजिये क्यूंकि आप मना करोगे तभी ये शादी रुकेगी वरना ये लोग मेरी जबरदस्ती शादी कर देंगे.

ज्योति ने बताया की मेरे ऐसे कहते ही वो गुस्से में भरकर मुझसे कहने लगा की में तो तुमसे ही शादी करूंगा चाहें तुम चाहो या ना चाहो, तुम बस मेरी हो.

में तुम्हे किसी और की नहीं होने दे सकता ऐसा कहते हुए वो मेरी तरफ मुडा उसके चेहरे को देखते ही मेरे दिल की धड़कन बहुत ही तेजी से चलने लगी उसका चेहरा किसी जलती हुई आग के सामन दिख रहा था इतने ही में हडबडा कर नींद से जागी.

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घडी में देखा तो शाम के सात बज रहे थे में कॉलेज से आते ही बिना खाना खाए बिना चेंज किये सो गई थी, फिर में सोचने लगी कैसा अजीब सपना था सुक्र है सपना ही था कहते हुए थोड़ी मुस्कुराई और राहत की साँस ली.

सपने देखे 2-3 दिन ही बीते होंगे की एक सुबह ज्योति के माता पिता ने देखा की ज्योति अपने बिस्तर पर सोने की वजह निचे ज़मीन पर सोई है.

और ये क्या उसका किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह पूरा श्रृंगार हो रहा रहा है, उस दिन से ज्योति रोज माता पिता को ऐसे ही मिलती किसी नयी नवेली दुल्हन के जैसे श्रृंगार में .

ज्योति के माता-पिता ये बात किसी को बताने से भी डर रहे थे की कहीं लोग उल्टा ज्योति को ही उलटा-सीधा ना बोलने लग जाएँ.

क्यूंकि लोगों को तो बस बात बनाने का मौका चाहिए होता है, ज्योति के माता-पिता ने सोचा क्यूँ न हम ज्योति को अकेले सुलाने की वजह अपने साथ बीच में सुलाए और फिर उन्होंने ऐसा ही किया, लेकिन जेसे ही सुबह हुई उन्होंने देखा ज्योति रोज की तरह ज़मीन पर ही सोई है और उसका श्रृंगार हो रहा है.

अबकी बार माता-पिता ने तरकीब सोची की पहले ज्योति की कमर में रस्सी बांध कर फिर उसी रस्सी को हम दोनों अपनी-अपनी कमर में बांधेंगे फिर सोयेंगे और उन लोगो ने ठीक वैसा ही किया और फिर सुबह को जैसे रोज ज्योति जमीन पर लेटी मिलती थी ठीक आज भी वैसे ही मिली.

Bhot Story in Hindi

तब जाकर उन लोगों ने मुझे अपने घर बुलाया अब ज्योति मेरे सामने बेठी थी में मंत्र जाप कर रहा था,ज्योति मेरी नजर से बिलकुल भी नजर नहीं हटा रही थी.

में सोच रहा था जैसे ही ये नजर हटाये में अपना काम कर दूंगा, करीब 15 मिनट बाद उसने अपनी नजर हटाई, और मेरी तरफ पीठ करके बैठ गई.

अब तो मुझे अच्छा मौका मिल गया था मैंने मन ही मन, मंत्र जाप करते हुए उसकी पीठ में अपने दांतों को गाढ़ दिया, अब तो ज्योति के अंदर बेठा हुआ भुत जोर-जोर से चिल्लाने लगा.

मुझे छोड़ दो नहीं मुझे छोड़ दो में जा रहा हूँ अब कभी नहीं आउंगा लेकिन मैंने अपने दांतों को पीठ में गाढ़े रखा 5-7 मिनट के बाद मैंने ज्योति से पूंछा क्या तुम्हे पीठ में दर्द हो रहा है उसने हाँ में सर हिलाया.

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फिर में ज्योति और उसके माता पिता को मंदिर लेकर गया भगवान का धन्यवाद करवाने की ये चीज मैंने नहीं हटाई इन्होने ही हटाई है वरना मेरी क्या बिसात जो में ऐसी बुरी शक्तियों से भीड़ पाता.


मित्रों आत्माओं का भूत-प्रेतों का कोई ना कोई लक्ष्य जरुर होता कोई इच्छा जिसे वो जीते जी पूरा नहीं कर पाते तो उन इच्छाओं को वो मरने के बाद पूरा करते हैं जिसके लिए उन्हें कोई ना कोई शरीर चाहिए होता है तो इस दुनिया में कई तरह की चीजें हमारे आस पास विचरतीं हैं वो दिखाई नही देतीं तो इसका मतलब ये बिलकुल नहीं निकलता की वो चीज है ही नहीं.


Bhot Story आपको कैसी लगी बताना ना भूलें.

 

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