भूतिया घर Story Ghost in Hindi – The Hounted House

Story Ghost in Hindi

यह एक घर तो था लेकिन भूतिया घर बन जाने के कारण लोग उसके नाम से ही डरने लगे थे, यदि कोई भूला-भटका यात्री इसमें आकर ठहर जाता तो उसका क्या हाल होता यह तो वही जानता था.

वहां आस-पास रहने वाले लोगों को उस घर में रुकने वाले लोगों की सिर्फ चीखें सुनाई देती थीं.

धीरे-धीरे उस घर का ये हाल हो गया था , की अब कोई उसमें भूल से भी आकर नहीं ठहरता था, उस घर में अब सिर्फ एक चौकीदार रह गया था.

उस घर में जाना तो बहुत दूर की बात थी,लोग उस घर के नाम से भी डरने लगे थे.

 

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सब लोग यही सोचते थे की यह घर तो भूतिया है, फिर चौकीदार इस घर में कैसे रह लेता है क्या उसे भूतों से दर नहीं लगता?

जबकि लोगों के तो उस घर के पास से गुजरते हुए भी पसीने छुटते थे, और पसीने छूटें भी क्यूँ ना भूत का तो नाम ही ऐसा है की बड़े-बड़ों के पसीने छुट जाते हैं.

एक रात एक शिकारी उस घर की तरफ आया जो अपने रास्ते से भटक गया था, यह घर चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ था, दूर-दूर तक किसी इंसान की आवाज तक सुनाई नहीं देती थी.

बाहर बड़ा भयंकर तूफ़ान आ रहा था, तूफ़ान के साथ ही बड़े जोर की बारिश शुरू हो गयी.

शिकारी घर में अंदर गया और आवाज लगाईं, ”अरे कोई है?

जब घर में कोई था ही नहीं तो आवाज कौन देता?

शिकारी ने एक बार फिर जोर से आवाज लगाईं, अरे भाई कोई है क्या यहाँ?

इस बार उसकी आवाज पुरे घर में गूंज उठी, तभी एक आदमी को उसने छाता और लालटेन लिए अपनी और आते देखा.

क्या बात है कौन हो तुम ?… उसने शिकारी से पूंछा,

में एक शिकारी हूँ, क्या बारिश और तूफ़ान रुकने तक में यहाँ ठहर सकता हूँ.

चौकीदार ने डरते हुए कहा, ”क्या आप इस घर में रात गुजरेंगे?..

शिकारी ने कहा, ”हाँ इस बारिश और तूफ़ान में इस समय रात बिताने के लिए जंगल में इससे अच्छी जगह और नहीं हो सकती.

और मेरे कुछ साथी भी जंगल में भटक गये हैं, हो सकता है की इस घर को देखकर वो भी यहाँ आ जाएँ.

 

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साहब यह घर तो?..

यह घर तो क्या?????…

क्या कहना चाहते हो तुम?

इतने डरे हुए क्यूँ हो?

साहब क्या आप इस घर के बारे में नहीं जानते?..

क्या नहीं जानता?

यही की इसे भूतिया घर कहते हैं, यह भूतों का घर है, इसमें भूत रहते हैं यह बात चारों तरफ फैली हुई है, आपको कैसे नहीं पता?

क्या भूत, हाहाहा…

बाबा ये तुम कैसी बात कर रहे हो विज्ञान के युग में आप ऐसी बातों पर कैसे यकीन कर सकते हैं.

में सच कह रहा हूँ, यह भूतिया घर है.

होगा तुम जाकर हमारे लिए चाय का इन्तेजाम करो, इस घर में रहने वाले भूत को में देख लूंगा.

चौकीदार ने गहरी नजरों से शिकारी को देखा और चला गया, थोड़ी देर बाद वह चाय लेकर आया.

फिर चौकीदार ने शिकारी से पूंछा, ”लगता है साहब आप जंगल में पहली बार आये है?

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हाँ आपने ठीक पहचाना.

क्या में आपका नाम जान सकता हूँ चौकीदार बोला,

शिकारी बोला, ”मेरा नाम कुंवर राणा है,

अच्छा तो आप राजा जी के बेटे हैं,

हाँ बाबा कभी हम लोग राजा थे अब तो केवल नाम ही रह गया है, अब कौन राजा और कौन प्रजा.

फिर शिकारी उस कमरे से दुसरे कमरे में चला गया, और वहाँ जाकर टहलने लगा.

टहलते हुए वहाँ की रखी हर चीज को वह बड़े ध्यान से देख रहा था, कुछ  चीजें तो उसे जानी पहचानी लग रहीं थीं मानों वह उन चीजों को पहले देख चुका था.

 

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चौकीदार ने बाहर से आवाज लगाते हुए कहा साहब आपको कुछ चाहिये हो तो मुझे आवाज दे देना में बाहर ही हूँ.

शिकारी बोला, ”ठीक है बाबा

इतने मैं शिकारी को कुछ आहट महसूस हुई किसी के होने का अहसाश फिर अचानक पायल की छन -छन की आवाज होने लगी.

शिकारी सोच मैं पड़ गया यहाँ तो कोई नहीं है फिर ये पायल की आवाज?.

शिकारी उस आवाज के पीछे चलने लगा फिर अचानक आवाज बंद हो गई,

शिकारी ने देखा उसके सामने एक सुंदर लड़की खडी थी शिकारी ने पूंछा कोन हो तुम?

लड़की ने कहा मुझे तुम्हारा ही इन्तजार था

मेरा इंतजार?

हां तुम्हारा ही इन्तजार..

अब मेरा बदला पूरा होगा.

कैसा बदला?

इतना कह कर लड़की गायब हो गई.

शिकारी के डर से पसीने छुटने लगे और वह चौकीदार से बोला, ”बाबा वह लड़की कोन थी?

चौकीदार बोला, ”साहब वह मेरी बेटी सुमन है.

शिकारी चोंक कर, ”क्या बाबा तुम्हारी बेटी?

लेकिन, लेकिन वह एकदम से कहा चली गई?

चौकीदार, साहब वह चली नहीं गयी अद्रश्य हो गई.

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शिकारी, ”ये सब क्या हो रहा है मेरी तो कुछ समझ नही आ रहा बाबा आप मुझे विस्तार से बताइए.

चौकीदार रोते हुए, साहब दुरभाग्य से वह मेरी बेटी है जो अब जीवित नहीं है.

उसे आपके बड़े भाई से प्रेम हो गया था, तब आप बहुत छोटे थे लेकिन जब आपके पिताजी को ये बात पता चली तो राजाजी ने मेरी बेटी को फांसी की सजा दे दी.

उसका शरीर तो ख़त्म हो गया लेकिन उसकी आत्मा बदले की आग मैं जल उठी, वो एक भयानक प्रेत बनकर लौटी और एक -एक करके उसने सबको मार डाला.

आपको राजा साहब पहले ही पढ़ाई के लिये बाहर भेज चुके थे, लेकिन सबको मारने के बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ.

उसे आपका ही इन्तजार था अब वो आपको मारकर अपना बदला पूरा करना चाहती है.

चौकीदार वहां से उठकर बाहर चला गया तभी शिकारी को तहखाने मैं से किसी के रोने की आवाज आने लगी.

वह डरते -डरते तहखाने की और चला जैसे ही वह तहखाने मैं अंदर गया एक डरावनी आवाज आई.

 

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आओ छोटे कुंवर मुझे तुम्हारा ही इन्तजार था, वह बहुत ही डरावना द्रश्य था.

बिखरे बाल लाल -लाल बड़ी -बड़ी जिंदा निगल जाने वाली आखें भयानक चेहरा और अपना मकसद पूरा होने की वो अहंकारी हँसी, और वह कह रही थी, कि आज तुम्हें मुझसे कोई नहीं बचा सकता.

शिकारी भागना चाहता था लेकिन तहखाने का दरवाजा बंद हो गया था, वैसे भी एक इंसान जब बदला लेने पर आये तो उसे भी कोई नहीं रोक सकता यह तो फिर भी एक खतरनाक आत्मां थी.

तो भला इसे बदला लेने से कोन रोक सकता था, शिकारी अंदर से दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा था, शिकारी की आवाज सुनकर चौकीदार भी आ गया.

लेकिन चौकीदार अंदर नहीं जा जा पा रहा था, क्योंकि दरवाजा उस चुड़ैल ने बंद किया था, तो जब तक वो अपना बदला पूरा नहीं कर लेती दरवाजा कहाँ खुलने वाला था.

तभी तहखाने के दरवाजे पर खड़े चौकीदार को एक दहसत भरी चीख सुनाई दी कुछ समय बाद दरवाजा अपने आप ही खुल गया.

चौकीदार ने देखा कि शिकारी की लाश वहीँ तहखाने मैं पड़ी हुई है सारा जिस्म खून मैं लथपथ भीगा हुआ.

लेकिन जब उसने पास जाकर देखा तो वह चौंक गया.

शिकारी के धड पर सर नहीं था, उस चुड़ैल उसका सर ही उखाड़ लिया था.

तभी उस चुड़ैल की भयानक हँसी दोबारा सुनाई देने लगी और वो कह रही थी आज मेरा बदला पूरा हुआ.

इतना कहते ही वह तहखाने के अंधेरों में ना जाने कहाँ गायब हो गई फिर किसी ने कभी उसको वहां दोबारा नहीं देखा.

 

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